2 Line Shayari : घुटन सी होने लगी है, इश्क़ जताते हुए
2 Line Shayari : Ghutan Si Hone lagi Hain Ishq Jatate Huye
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2 Line Hindi Shayari |
मैं खुद से रूठ गया हूँ, तुम्हे मनाते हुए।
तुम समझते हो कि जीने की तलब है मुझको,
मैं तो इस आस में ज़िंदा हूँ कि मरना कब है।
अकेले आये थे और अकेले ही जाना है,
फिर साला अकेला रहा क्यूँ नहीं जाता।
अब तो गरमी के नखरे भी कम हो गए,
पता नहीं तुम्हारे नखरे कब कम होंगे।
जमाने को बोल देता हूँ की मैं भूल गया हूँ उसे,
पर हकीकत तो बस मुझे और मेरे दिल को पता है।
जख्म गरीब का कभी सूख नहीं पाया,
शहजादी की खरोंच पे तमाम हकीम आ गये।
थोड़ी खुद्दारी भी लाज़मी थी दोस्तों,
उसने हाथ छुड़ाया तो हमने छोड़ दिया।
बड़ा मुश्किल है.. जज़्बातो को पन्नो पर उतारना,
हर दर्द महसूस करना पड़ता है लिखने से पहले।
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