लव शायरी : ना जाने क्यूँ एहसास तुम्हारा होता है
लव शायरी : ना जाने क्यूँ एहसास तुम्हारा होता है
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2 Line Love Shayari |
मेरी आँखों से पूछ लें मेरी रातें कैसे गुज़रती है।
छूती है जब सर्द हवाएं मेरे तन मन को,
तो ना जाने क्यूँ एहसास तुम्हारा होता है।
तलब मौत की करना गुनाह है ज़माने में यारो,
मरने का शौक है तो मोहब्बत क्यों नही करते।
याद आयेगी हर रोज, मगर तुझे आवाज़ न दूंगा,
लिखूंगा तेरे लिये हर गजल, मगर तेरा नाम न लूंगा।
तेरी मौजूदगी महसूस वो करे जो जुदा हो तुझसे,
मैंने तो अपने आप में तुझे बसाया है एक दोस्त की तरह।
तुम मुहब्बत के सौदे बड़े अजीब करते हो,
बस यू नीगाहों से मुस्कुराते हो और दिल खरीद लेते हो।
झूठी हँसी से जख्म और बढ़ता गया,
इससे बेहतर था खुलकर रो लिए होते।
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