दोस्ती किसी की रियासत नही होती
Dosti Shayari : Dosti Kisi Ki Riyasat Nahin Hoti
![]() |
Dosti Shayari |
हमसफ़र मिलने से दोस्ती मिटाई नहीं जाती,
दोस्त की कमी हर पल रहती है यार,
दूरियों से दोस्ती छुपाई नहीं जाती।
दोस्ती किसी की रियासत नही होती,
ज़िंदगी किसी की अमानत नही होती,
हमारी सलतनत मैं देख कर क़दम रखना,
क्योकि हमारी दोस्ती की क़ैद मैं ज़मानत नहीं होती।
कितने चेहरे हैं इस दुनिया में,
मगर हमको एक चेहरा ही नज़र आता है,
दुनिया को हम क्यों देखें,
उसकी याद में सारा वक़्त गुज़र जाता है।
दिल मेरा अगर रोया न होता,
हमने भी आँखों को भिगोया न होता,
दो पल की हंसी में छुपा लेता गमो को,
ख्वाब को हकीकत में संजोया नहीं होता.
No comments