2 Line Shayari

2 Line Shayari : Wo Kahte Hain Hum Jee Lenge

2 Line Shayari : Wo Kahte Hain Hum Jee Lenge

2 Line Shayari
2 Line Shayari
सुनो ये बादल जब भी बरसता है,
मन तुझसे ही मिलने को तरसता है।
मरहम लगा सको तो गरीब के जख्मो पर लगा देना
हकीम बहुत है बाजार में अमीरो के इलाज खातिर।
मैंने अपने ख्वाहिशो को दिवार में चुनवा दिया,
खामखाँ जिंदगी में अनारकली बनके नाच रही थी।
वो कहते हैं हम जी लेंगे खुशी से तुम्हारे बिना,
हमें डर है वो टूटकर बिखर जायेंगे हमारे बिना।
ज़िन्दगी ये चाहती है कि ख़ुदकुशी कर लूँ,
मैं इस इन्तज़ार में हूँ कि कोई हादसा हो जाए।
खुद भी रोता है, मुझे भी रुला के जाता है,
ये बारिश का मौसम, उसकी याद दिला के जाता हैं।
बड रहा है दर्द गम उस को भूला देने के बाद,
याद उसकी ओर आई खत जला देने के बाद।
निगाहों से भी चोट लगती है.. जनाब,
जब कोई देख कर भी अन्देखा कर देता है।
वो दुआएं काश मैने दीवारों से मांगी होती,
ऐ खुदा.. सुना है कि उनके तो कान होते है।
आईना आज फिर रिशवत लेता पकडा गया,
दिल में दर्द था और चेहरा हंसता हुआ पकडा गया।

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One Comment

  1. हम बस वहां तक शरीफ है,
    जहां तक सामने वाला अपनी औकात ना भूले…!

    बदमाश तो हम बचपन से है, कई लोगो को ठोक रक्खा है,
    और तुझे तो कबका बिछा देते जरा मां बाप ने रोक रक्खा है…!

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